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पढ़े लिखे लोग और कुण्डली

वेद विज्ञान
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======पढ़े लिखे लोग और कुण्डली=======
बहुत दुःख और पश्चात्ताप हो रहा है कि आज जब लगभग ज्यादा लोग जो  शिक्षित है वही भ्रमित हो रहे है. आप लोग ज़रा नीचे के दिये विवरण को ध्यान से देखें और सोचें कि क्या आप अपनी कुण्डली जो कम्प्यूटर से प्राप्त कर रहे है वह सही है? प्रत्यक्ष रूप से देखें कि कम्प्युटर कुण्डली किस तरह लोगो को बर्बाद कर रही है. और इसी कुण्डली पर आप अगला कदम उठा रहे है? क्या आप के जन्म के समय में 1 सेकेण्ड की भी गलती नहीं हो सकती है? क्या आप को यह दृढ विशवास है कि आप अपने जन्म के समय को सेकेंडो तक सही जानते है? और नहीं तो फिर आप कैसे इस कुण्डली पर भरोसा कर अपने भविष्य और अपने व्यवसाय को बर्बाद करते जा रहे है?

एक चीज ज़रा देखें-

अपने कम्प्यूटर में कुण्डली के साफ्ट वेयर में निम्न विवरण डाल कर देखें।

जन्म का विवरण- 14 जुलाई 1979 शाम को 3 बजकर 1 मिनट 48 सेकेण्ड और जन्म स्थान दिल्ली है. इसे कुण्डली साफ्ट वेयर में डालें। देखें लग्न तुला आयेगी।
अब इसमें 1 सेकेण्ड बढ़ा दीजिये। अर्थात जन्म समय शाम को 48 सेकेण्ड के बजाय 49 सेकेण्ड कीजिये। देखिये लग्न वृश्चिक हो जायेगी।
क्या आप इतने आश्वस्त है कि आप को जन्म समय जानने में एक सेकेण्ड की भी गलती नहीं हुई है.
और भी देखें====
इसी दिन यदि किसी का जन्म दो पहर 1 बजकर 41 मिनट पर होगा तो उसकी राशि मीन होगी। किन्तु यदि आधा मिनट पहले जन्म होता है तो उसकी राशि कुम्भ हो जायेगी। सिर्फ आधा मिनट यानि केवल 30 सेकेण्ड के ही अंतर पर ही राशि-नक्षत्र सब बदल जायेगें।
ऐसी कम्प्यूटर कुण्डली के आधार पर आप अपना भविष्य, अपना व्यवसाय, अपनी नौकरी, अपनी सन्तान, विवाह आदि के बारे में क्या जानेगें? न लग्न का पता और न तो राशि का और न ही जन्म नक्षत्र का पता.
यदि कोई विद्वान, गणितज्ञ, व्याकरण एवं त्रिस्कन्ध ज्योतिष का जानकार ज्योतिषाचार्य होगा तो वह इस उपरोक्त उदाहरण के आधार पर दस कुण्डली आगे के समय का तथा दस कुण्डली पीछे के समय का बनाकर उस व्यक्ति के रूप रंग, व्यवसाय, माता-पिता आदि की प्रकृति से मिलाकर तुलना करेगा। और जहाँ से ज्यादा लक्षण एवं घटनाएँ मिलनी शुरू हो उस जन्म समय को आधार बनाकर कुण्डली बनानी होगी। और यह काम क्या कम्प्यूटर कर पायेगा?
उपरोक्त कुण्डली में एक लग्न वाली कुण्डली में गुरु अशुभ फल दे रहा है तो दूसरी कुण्डली में राहु बहुत अच्छा फल दे रहा है.
एक कुण्डली वाले को गोमेद धारण करना चाहिये तो दूसरे को त्रिवल्ली पुखराज।
अब आप किसका उपाय करेगें?
यह तो एक उदाहरण है. ऐसे अनेक उदाहरण आप को मिलेगें जो कम्प्यूटर कुण्डली को एक धोखा, ठगी का माध्यम एवं लूटने का एक साधन प्रमाणित करते है.

पण्डित आर के राय
Email- khojiduniya@gmail.com

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