(1)- लग्न कुण्डली से शरीर, यश, सामाजिक स्थिति एवं आयु का विवेचन किया जाता है. अब मेरे इस कथन पर पुनः कुछ ज्योतिषाचार्यो को “संक्रामक छींकें” आनी शुरू हो जायेगी। क्योकि उन्होंने यही पढ़ा है कि आयु की गणना तो आठवें भाव से होती है फिर लग्न इसमें क्या भूमिका निभाएगी? तो अब कौन मुनि विशाखदत्त, चारुशील, जैमिनी एवं भाष्करभट्ट की संहिता एवं भाष्य पढ़ाने जाय? छींकें आती है तो आती रहें।
(2)- विपुलांश (चतुर्थांश)- कुण्डली से अर्जित धनसंपदा, भूमि-भवन-वाहन तथा अन्य सुख संसाधनो के अलावा माता-मामा अदि का आँकलन किया जाता है.
(3)- परमांश (पंचमांश) कुण्डली से बुद्धि, विद्या, प्रतियोगिता-परीक्षा, सन्तान, सम्मान एवं ज्ञान का आँकलन किया जाता है.
(4)- विपुलांश (सप्तमांश)-कुण्डली से व्यवसाय, मानसिक स्थिति, सम्बन्ध, स्वभाव, वैवाहिक जीवन तथा अनपेक्षित क्लेश-हानि का आँकलन किया जाता है.
(5)- दिव्यांश (नवमांश) कुण्डली से गढ़े या अनपेक्षित धन, भाग्य, धार्मिक स्थिति, भावना एवं कार्य के फल का आँकलन किया जाता है. (6)- पिण्डांश (दशमांश) कुण्डली से नौकरी, पैतृक स्थिति, वंश-कुल एवं पूर्व जन्म, विरासत एवं आनुवांशिकता का आँकलन किया जाता है.
(7)- व्योमांश (षोडशांश) कुण्डली से सन्तान सुख, पत्नी, भाई, सहयोगी, आश्रित, आमदनी, व्यावासयिक वृद्धि-ह्रास आदि का अध्ययन किया जाता है.
(8)- अनुक्त (त्रिशांश) कुण्डली से दुर्घटना, अचानक हानि, देव दोष, कुलदोष तथा पारिवारिक संघटन-विघटन आदि का आँकलन किया जाता है.
इसके अलावा उन्मुक्त, विराम, गजाक्षि, सुदर्शन, भवांश आदि कुण्डली होती है जिनसे अन्यान्य स्थितियों का अध्ययन किया जाता है. जिसका कुण्डली में विवरण देना अनिवार्य हो जाता है यदि ऐसा कोई लक्षण जन्मांग में ग्रहो की स्थिति प्रकट करती है. या ऐसी कोई जानकारी चाहिये तो सम्बंधित कुण्डली अनिवार्य रूप से चाहिये।
जन्मांग केवल एक मोटा परिदृष्य प्रकट करता है जिससे एक कल्पित फलादेश किया जा सकता है. पूर्ण फलादेश सम्भव नहीं है.
=======किन्तु वर्त्तमान समय में उच्च कोटि के विद्वान त्रिकालदर्शी ज्योतिषाचार्यो की “सुनामी” आयी हुई है जिसमें के प्रत्येक उद्भट विद्वान किसी भी कुण्डली से कोई भविष्यवाणी कर सकने में समर्थ है.
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments