सनातन धर्म का अभिन्न अंग हिन्दू सम्प्रदाय विश्व का एकमात्र सर्वोत्कृष्ट, सर्वोत्तम, सरल एवं सामंजस्य वादी सम्प्रदाय है जो प्रत्येक प्राणी में ईश्वर का दर्शन करता है. और आज इसीलिये इस सम्प्रदाय में तैतीस करोड़ देवी देवताओं की पूजा की जाती है. यही कारण है कि संतशिरोमणी गोस्वामी तुलसीदास ने अपनी कालजयी अमर रचना “श्रीरामचरित मानस” में लिखा है===
यही नहीं, केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि समस्त जीव समुदाय ही परमेश्वर का रूप है ===
“ईश्वर अंश जीव अविनाशी”
अर्थात पारब्रह्म परमात्मा का ही छोटा रूप जीवात्मा प्रत्येक शरीर धारी के अंदर है.
जब कि शेष समस्त धर्म अपनी सर्वोच्च सत्ता को किसी एक जगह केंद्रित कर शेष जगत को उससे पृथक कर जीव और परमेश्वर में दूरियाँ पैदा करते है.
और इसीलिये शेष सारे धर्म सहिष्णुतावादी (Tolerating Attitude) के है. अर्थात शेष धर्मावलम्बियों को भी किसी मजबूरी में सहते है–एक बोझ समझकर। जबकि हिन्दू सम्प्रदाय उदारवादी (Liberal) है, अर्थात इसके सागर से भी विशाल ह्रदय में जो भी आये, उसका हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन है.
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