“यदि अंगूर तक नहीं पहुँच सके तो खट्टे होगे ही (धूर्त विकाशवादी)
वेद विज्ञान
497 Posts
662 Comments
“यदि अंगूर तक नहीं पहुँच सके तो खट्टे होगे ही
(धूर्त विकाशवादी)
श्री विवेक उनियाल जी,
जो प्रश्न आप ने मुझसे पूछा है उसे उसी व्यक्ति से नहीं पूछ सकते कि किस आधार पर उन्होंने ज्योतिष, व्रत, नग, यज्ञ आदि को निराधार, पाखण्ड एवं ठगी का माध्यम कहा है?
या—–
आप चाहते हैं कि वह सज्जन मुझसे विवाद करें?
यह हरकत बहुत ओछी है.
और जिसने भी यह बात कही है वह क्रोध का नहीं दया का पात्र है.
आप स्वयं सोचें, आप एक भिखमंगे को भीख क्रोध आने पर देते है या दया कर के?
निश्चित रूप से यदि उसके पास पर्याप्त धन होता तो वह भीख नहीं माँगता।
—-ठीक वैसे ही, जिस महोदय ने यज्ञ, पूजा, व्रत, नग, ज्योतिष आदि को पाखण्ड एवं व्यर्थ बताया है, वह बुद्धि का दरिद्र है. यदि उसके पास इसकी महत्ता का ज्ञान होता तो ऐसा नहीं कहता।
बेचारा बुद्धि का भिखमँगा है. या फिर सनातन धर्म के विविध अवयवो से अपरिचित कोई यवन है. अतः उस को दया की भीख दीजिये, बेचारा है. उस पर क्रोध करने से कोई लाभ नहीं।
जिस नग से निर्मित विविध भष्म, पेय और विविध सत (Extract) आज टेबलेट, सिरप और इंजेक्शन बनकर अति जटिल एवं भयंकर रोगो का निर्मूलन कर रहे है, जिसका आहारनाल (Elementary System) एवं अन्तः तथा बाह्य तंतुगत सूचिका वेध (Muscular & Intramuscular Injection) से एलोपैथी चिकित्सा चल रही है उसी का ज्योतिष यंत्रादि विविध वैज्ञानिक सूक्ष्म उपस्करों एवं मुद्रिका के रूप में विकिरण एवं अंतरचर्म विधान (Epidermic System) से प्रयोग करता है तो वह पाखण्ड है.
रामायण या गीता का पाठ करने से क्या गीता आप के बदले में नौकरी करने लगेगी और तनख्वाह आप को मिलने लगेगी? या रामायण का पाठ करने से राम एवं हनुमान बंदरी सेना के साथ आप की फैक्टरी में काम पर लग जायेगें और सारे वर्कर्स की तनख्वाह देने से बचत हो जायेगी?
जिसको यह पता नहीं कि केवल जल पीकर व्रत उपवास रखने वाला व्यक्ति भी एक दिन में जल एवं श्वास के माध्यम से दश हजार अरब कीटाणुओं एवं विषाणुओं का भक्षण कर जाता है जो शरीर संरचना की मूलभूत इकाई कोशिका को मारते रहते है, जिससे आयुक्षीणता उत्पन्न होती है, वह यदि उपवास व्रत आदि का विरोध करता है तो इसमें आश्चर्य क्या है?
बहुत ऐसे तथ्य है जिनका ये धूर्त विकाशवादी विरोध करते है. इससे आप को घबराने की आवश्यकता नहीं है. साफ़ कपड़ा गंदा अवश्य होता है. आप का काम है उसकी धुलाई करते रहना। क्या गन्दगी के भय से कपड़ा पहनना छोड़ देगें?
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments